ना सुबह अपनी ना शाम अपनी, चाय के बिना न जिंदगी अपनी। ना सुबह अपनी ना शाम अपनी, चाय के बिना न जिंदगी अपनी।
उन पुरानी यादों में खो जाए उन पुरानी यादों में खो जाए
अब न सोचें साइकिल खरीदें स्वस्थ रहिए। अब न सोचें साइकिल खरीदें स्वस्थ रहिए।
माँ के आँचल में लिपटा बालक आज तिरंगे में लिपटा जा रहा है। माँ के आँचल में लिपटा बालक आज तिरंगे में लिपटा जा रहा है।
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भारत माँ के बेटे हम चार भाई - हिन्दू , मुस्लिम सिख और ईसाई....... ... ! भारत माँ के बेटे हम चार भाई - हिन्दू , मुस्लिम सिख और ईसाई....... ... !